Wednesday, January 2, 2019

"अभी और उड़ान बाकी है"
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मेरी पहली कविता

,,कृपया अपने विचार जरूर व्यक्त करें,,

!!!!!!!
तुम जीत गए, और अगर ये जीत तुम्हारे लिए काफी है ।

तो मत सोचना कि अभी और उड़ान बाकी है।।

लेकिन अगर ये जीत, तुम्हें आगे बढ़ने के लिए उकसाती है।

और मंजिलें तुम्हें अपनी और बुलाती है।

तो इतना समझ लेना
 कि : अभी और उड़ान बाकी है ।।

यहां​ तक तो जो था,सो था,
लेकिन आगे का क्या,

अभी तो मैदान में उतरे हो।
जंग तो अभी बाकी है ।।

अगर अभी से डर गए तो समझ लेना कि ये उड़ान तुम्हारी जज्बाती है ।।

इसका होना ना होना, तुम्हारे वजूद का एहसास कराती है ।
अगर अड गए और लड लिया तो समझना कि तुम्हारे अंदर अभी और उड़ान बाकी है ।।

तुम्हारा होना ना होना, फर्क नहीं पड़ता जमाने को।

लेकिन बाकी यही खेल है, तुम्हारे पास दिखाने को ।।
जो इस अन्धेरे रास्ते में, उजाला तुमने कर दिया ।

तो ज़माना तुम्हारा है,
वरना खुद सोचना, ज़माने को तुमने क्या दिया ।।

अन्धेरा रास्ता जब खुद आएगा तुम्हारी रौशनी तले,

तो कह देना, कि तू अभी रुक आराम कर,
ये उजाला ही अभी मेरा साथी है ।।

कह देना उससे कि अभी मुझमें,
अभी और उड़ान बाकी है ।।

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